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रत्न धारण करने के लाभ
बृहस्पति के रत्न पुखराज को धारण करने के लाभ
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बृहस्पति के रत्न पुखराज को धारण करने के लाभ
● पुखराज बृहस्पति ग्रह का रत्न है।
● यदि आपकी राशि मेष,मिथुन,कर्क,सिंह,कन्या,वृश्चिक,धनु,मीन हैं तो आप पुखराज धारण कर सकते हैं।
● यदि आप धार्मिक अनुष्ठान का कार्य या, ज्योतिष-आध्यात्म-धर्म आदि की पुस्तकों का लेखक और प्रकाशक, धार्मिक ट्रस्ट या एनजीओ का संचालन, लेखक, समाज सेवी, उपदेशक, राष्ट्र के लिए सलाहकार, ज्योतिष-वास्तु सलाहकार, दर्शन शास्त्री, अध्यापक, प्रोफेसर,स्कूल-काॅलेज का कार्य, स्किल डेवलपर, पब्लिक रिलेशन मेनेजमेंट कार्य से संबंधित कार्य करते हैं तो आपको पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए।
● बृहस्पति ज्ञान और भाग्य का ग्रह है। पुखराज पहनने से अच्छा भाग्य और धन की प्राप्ति होती है।
● पुखराज को घर या तिजोरी में रखने रखने से ज़्यादा समृद्धि आती है। यह मन को शांति प्रदान करने में मदद करता है जिसके प्रभाव से व्यक्ति एकाग्र मन के साथ अपना कार्य करने में सक्षम होता है साथ ही उसकी निर्णय लेने की क्षमता भी बेहतर होती है।
● यह रत्न धन और आजीविका के मामले में भी भाग्य लाता है।
● पुखराज के प्रभाव से मानसिक तनाव कम होता है और सकारात्मक प्रभाव बढ़ता है। यह किसी भावनात्मक तौर पर टूटे हुए व्यक्ति को उभारने में मदद करता है।
● पुखराज मीन राशि वाले या धनु राशि के लिए बहुत ही लाभकारी रत्न है ।
● इसका मन, शरीर और स्वास्थ्य के विकास पर काफी प्रभाव पड़ता है। यह व्यक्ति को लक्ष्यों को प्राप्त करने के योग्य बनाता है और इसके प्रभाव से ही व्यक्ति उसे हासिल करने के लिए ज़्यादा प्रयास करता है।
● पुखराज रत्न पेट की बीमारियों, कमजोर पाचन तंत्र और पीलिया के मामले में बहुत मदद कर सकता है।
● यदि आप शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ें हैं to आपको पुखराज अवश्य धारण करना चाहिए।
● पुखराज पहनना शिक्षाविदों में बड़ी प्रगति ला सकता है और उच्च शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए यह बहुत फायदेमंद साबित हो सकता हैं।
● पुखराज पहनना विवाह में देरी से उबरने में मदद कर सकता है और उपयुक्त साथी ढूंढने में मदद करता है।
● आध्यात्मिक परामर्शदाताओं, चिकित्सकों, याजकों, - जो लोग धार्मिक या आध्यात्मिक काम में लगे हुए हैं वे पुखराज से भी लाभ लेते हैं क्योंकि धर्म बृहस्पति का क्षेत्र है। आध्यात्मिक विकास पाने वालों को भी बहुत फायदा हो सकता है।
● यह रत्न अविवाहित जातकों (विशेषकर कन्याओं को) विवाह सुख, दंपत्तियों को वैवाहिक व संतान सुख का आशीष देता है।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
शनि के रत्न नीलम को धारण करने के लाभ
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शनि के रत्न नीलम को धारण करने के लाभ
● नीलम रत्न का संबंध शनि से होता हैं।
● यदि आपकी राशि वृषभ,मिथुन,कन्या,तुला,मकर,कुंभ हैं तो आप नीलम रत्न धारण कर सकते हैं।
● यदि आप लोहे का व्यापार करते हैं,किसी भी प्रकार की नौकरी या मजदूरी करते हैं। सोने-चांदी के अलावा कोई भी धातु, प्राइवेट या सरकार के लिए सिविल कार्य यानी कन्सट्रक्शन वो चाहे घर-आफिस-फैक्ट्री बनाना हो या सडक-ब्रिज बनाना हो, बिल्डिंग मेटिरियल, वकील बनना या लाॅ फर्म का कार्य, जाॅब कोन्ट्रेक्ट का कार्य, जाॅब वर्क करना, मेन्युफैक्चरिंग करना, मजदूरों के ठेके लेना, सीमेंट, माइनिंग कार्य, कोयला,पुरातत्व,रिसर्चर, खूफिया विभाग, डिटेक्टिव ऐजेन्सी, कोलोनाइजर बनना, पैकिंग मेटीरियल, लकडी और फर्नीचर का व्यापार, पेट्रोल-आयल का व्यापार, गैस स्टेशन, एसिड-केमिकल, गोला-बारूद, किसी भी प्रकार के कमीशन का कार्य, दलाली, श्मशान से संबंधित कोई भी कार्य, ओल्ड एज या बाल सुधार गृह, सांइंटिस्ट, विदेशी भाषा सिखाने का कार्य यदि आप करते हैं to नीलम रत्न आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता हैं।
● नीलम जीवन से आलस्य की भावना को दूर करता है जिसके आपके रुके हुए कार्यों को गति मिलती है और वे पूर्ण होते हैं।
● यह आपको उन्नति के शिखर तक लेकर जाता है और बहुतायत में समृद्धि, खुशहाली व अच्छा समय लेकर आता है।
● यह सबसे तेज़ असर करने रत्नों में से एक है और इसका प्रभाव तुरंत महसूस होता है। यह १ पहनने के पहले दिन से ही यह धन, शुभकामनाएं, अवसर और पदोन्नति आदि लाभ दे सकता है।
● नीलम का धन पर सीधा प्रभाव पड़ता है यह वित्त में सकारात्मक वृद्धि प्रदान करता है यह आय के कई स्रोतों के साथ आशीष दे सकता है।
● नीलम जीवन में अभिभावक के रूप में काम करता है क्योंकि यह आपको जादू टोना, भूत-प्रेत, विरोधियों आदि से बचाता है।
● यदि आप वकील या जज हैं या कोर्ट से संबंधित कोई कार्य करते हैं तो आपको नीलम रत्न अवश्य धारण करना चाहिए लेकिन ज्योतिषीय परामर्श लेकर ही धारण करें।
● यदि आप कोर्ट से संबंधित कोई पढाई कर रहे हैं तो आप नीलम रत्न धारण कर सकते हैं
● यदि आप किसी भी प्रकार के कमीशन या दलाली या ट्रांसपोर्ट का कार्य करते हैं तो नीलम धारण करना आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता हैं
● नीलम रत्न आपकी कुशलता बढ़ाता है जिससे आप किसी भी कार्य को गम्भीरता से करने में सक्षम होते हैं। नीलम अपने प्रभाव से जटिल चीज़ों को भी सरल करता है और जीवन में शांति स्थापित करता है।
● नीलम के अंदर विशेष प्रकार के हीलिंग गुण भी मौजूद होते हैं जो मन-मस्तिष्क को शांत रखते हैं।
● यह कुंडली में नकारात्मकता, अज्ञात भय और परिसरों स्थितियों को हटा देता है।
● यह नाम, प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा देता है।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
बुध के रत्न पन्ना को धारण करने के लाभ
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बुध के रत्न पन्ना को धारण करने के लाभ
● पन्ना रत्न का संबंध बुध से होता हैं।
● यदि आपकी राशि वृषभ,मिथुन,सिंह,कन्या,तुला,धनु,मकर,कुंभ,मीन हैं तो आप पन्ना रत्न धारण कर सकते हैं।
● यदि आप कन्सल्टेंसी,बैंकिंग,सीए,सीएस,अकाउंटिंग, फाइनेंस,एज्युकेशन,मीडिया, ड्रामा, फिल्म इण्डस्ट्री, कोमेडियन, नाटककार, डांसर, लेखन, एडवरटाइजिंग, ज्योतिषी, मेजिशियन, पब्लीशर, फ्रूट्स एवं वेजिटेबल्स, वनस्पति, स्टॉक मार्केट, वास्तु शास्त्री, कॉल सेंटर, मैनेजमेंट, स्किल डेवलपर, मिडिएटर, लाइजनिंग का कार्य और किसी प्रकार के सर्विस प्रोवाइडर का व्यापार करते हैं तो आपको पन्ना रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
● पन्ना पहनने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे कलात्मक प्रतिभा में वृद्धि, रचनात्मकता में वृद्धि और अपने विचारों को बेहतर तरीके से विचार करने की बेहतर क्षमता देखी जा सकती है। यह उन लोगों के लिए विशेष फायदेमंद है जो लेखन, शिक्षा और यहां तक कि व्यवसाय जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।
● यह अच्छी सेहत व धन संबंधी मामलों के लिए अच्छा होता है और जीवन में खुशियों को बरकरार रखता है।
● पन्ना रत्न पहनने वाले को उच्च बौद्धिक शक्ति और दूसरों की तुलना में गहन और विशिष्ट तरीके से वास्तविकता को तर्कसंगत और विच्छेदित करने की क्षमता प्रदान करके लाभ पहुंचाता है।
● यह गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी होता है क्योंकि इसे धारण करने से उन्हें प्रसव के समय ज्यादा तकलीफ नहीं होती है।
● यदि आप बैंकिंग या फाइनेंस के क्षेत्र में हैं तो पन्ना धारण करना आपके लिए बहुत फायदेमंदसाबित हो सकता है।
● यदि आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है या उसके सारे प्रयास विफल हो जाते हैं और उसे मनचाहा परिणाम नहीं मिलता है तो पन्ना उसका लिए जादुई पत्थर हो सकता है। यह रत्न विद्यार्थियों की समझने की शक्ति पर सीधा प्रभाव डालता है और उन्हें परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में मदद करता है।
● यह मानसिक तनाव को भी कम करता है और रक्तचाप सामान्य बनाये रखता है।
● वे लोग जो बोलने में हकलाते हैं उनके लिए पन्ना रत्न धारण करना लाभकारी होता है। यदि आप एक वक्ता हैं और पन्ना धारण करते हैं, तो आपकी भाषा और वाणी में और निखार आएगा।
● पन्ना नए विचार और आविष्कार प्राप्त करने में मदद करता है। इस रत्न की सहायता से धारणकर्ता प्रतिस्पर्धियों को मात दे सकता है।
● यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए एक चिकित्सीय रत्न है जो लंबे समय तक ध्यान केंद्रित करने और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता के साथ संघर्ष और समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इससे उन लोगों को भी लाभ होगा जिनमें निर्णय लेने की क्षमता का अभाव है और जो जीवन में स्थिर रहकर किसी एक विशेष परिस्थिति और निर्णय पर टिके नहीं रह पाते।
● यदि कोई व्यक्ति एलर्जी, सांस संबंधी रोग, त्वचा संबंधी समस्या और तंत्रिका संबंधी विकारों से पीड़ित है तो उसे पन्ना रत्न धारण करना चाहिए। इसमें ऐसे व्यक्ति को ठीक करने की शक्ति है जो हकलाने की समस्या से पीड़ित है।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
चंद्रमा के रत्न मोती को धारण करने के लाभ
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चंद्रमा के रत्न मोती को धारण करने के लाभ
● मोती का संबंध चंद्रमा से होता है।
● यदि आप सफेद चीज जैसे दूध, चांदी या सफेद कपडा,डेयरी प्रोडक्टस, वाॅटर बोटल का व्यापार, सिल्वर ज्वेलरी, इमीटेशन ज्वेलरी, टूरीज्म यानी यात्रा से संबंधित व्यवसाय, कपास, नर्सरी, खिलौने, मौसमी व्यापार, नमक, कला, बच्चों के डॉक्टर्स या चाइल्ड हाॅस्पीटल जैसे व्यवसाय या किसी भी प्रकार के लिक्विड का व्यापार या नौकरी करते हैं तो आपको मोती अवश्य धारण करना चाहिए।
● चंद्रमा मन का कारक होता है, इसलिए मोती धारण करने से मन स्थिर रहता है व नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
● मन की शांति के लिए मोती रत्न पहना जाता है। चंद्रमा का रत्न होने के कारण ये आपके मन को नियंत्रित करता है और मन की चंचलता को दूर करता है।
● सफेद रंग का चमकदार रत्न मोती जीवन में संतुलन प्रदान करता है। अत्यधिक क्रोध करने वाले लोगों के लिए मोती रत्न किसी वरदान से कम नहीं है। इस रत्न की ऊर्जाशक्ति से मनुष्य को मानसिक संतुलन प्राप्त होता है।
● मानसिक तनाव को दूर करने में भी मोती रत्न बहुत कारगर माना गया है। इस रत्न की सहायता से मन के भय को दूर किया जा सकता है।
● नींद में सुधार और हार्मोंस में संतुलन के लिए भी मोती रत्न पहना जाता है। मेडिकल के क्षेत्र में कार्यरत लोगों को इस रत्न से बहुत लाभ मिलता है।
● इस रत्न का प्रयोग कभी-कभी दवाओं में भी किया जाता है। इस रत्न का दिमाग और शरीर के रसायनों पर सीधा असर पड़ता है।
● मोती के प्रभाव से रिश्तों में मधुरता बनी रहती है, विशेषकर पति-पत्नी के संबंधों में। क्योंकि यह रिश्तों में स्नेह,विश्वास और देखभाल को दर्शाता है।
● मोती महिलाओं के लिए ऊर्जा का सार है, इसलिए उन महिलाओं के लिए अत्यंत लाभकारी है, जो किसी रोग से पीड़ित हैं।
● मोती धारण करने से आत्म विश्वास में वृद्धि होती है और जीवन में समृद्धता आती है।
● मोती शारीरिक शक्ति में बढ़ोत्तरी करता है और बुरी ताकतों से आपकी रक्षा करता है।
● मोती के प्रभाव से स्मरण शक्ति में भी वृद्धि होती है और यह कलात्मकता, संगीत,कला और स्नेह के प्रति उत्तेजित करता हैं
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
सूर्य के रत्न माणिक्य को धारण करने के लाभ
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सूर्य के रत्न माणिक्य को धारण करने के लाभ
● माणिक्य रत्न का संबंध सूर्य से होता हैं।
● यदि आपकी राशि मेष,मिथुन,कर्क,सिंह,कन्या,वृश्चिक,धनु,मीन हैं तो आप माणिक्य धारण कर सकते हैं।
● यदि आप सरकारी नौकरी में हैं या किसी भी वस्तु से संबंधित सरकारी ठेके लेने का कार्य, लाइजनिंग का कार्य, खाने पीने की वस्तुओं का इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट करना, गोल्ड ज्वेलरी का व्यवसाय, जिसमें ट्रेडिंग और मेन्युफेक्चरिंग शामिल हैं,बिजली और मुख्य रूप से सोलर उर्जा का व्यवसाय, पौधों का व्यावसाय और बोन्साई, आँखों का हॉस्पिटल या आंखों से संबंधित कोई भी कार्य या मेडिसिन या अनाज का व्यापार करते हैं तो आपको माणिक्य रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
● रूबी यानि माणिक्य को पहनने के कई फायदे हैं। माणिक्य सूर्य का रत्न है, ऐसे में इसे धारण करने से जातक के भीतर ऊर्जा का संचार होता है। माणिक्य में सभी खूबियां हैं जिनका प्रतिनिधित्व सूर्य करते हैं। इसे पहनने से व्यक्ति को सफलता मिलती है। कुछ लोग इस रत्न को केवल शान-शौकत के लिए पहनते हैं जबकि कुछ इसे ज्योतिषीय कारण से भी धारण करते हैं।
● सूर्य को सभी ग्रहों का राजा व नेतृत्व शक्ति के लिए जाना जाता है। सूर्य को समर्पित रत्न यानि माणिक्य को पहनने से व्यक्ति के अंदर भी नेतृत्व के गुण आ जाते हैं जिसके चलते उस व्यक्ति को आधिकारिक और प्रशासनिक सेवाओं के पदों से प्रशंसा प्राप्त होती है।
● यदि आप सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो आपको यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए
● माणिक पत्थर उन जोड़ों से पहना जाना चाहिए, जिन्हे अपने रिश्ते को बनाये रखना मुश्किल लग रहा हैं।
● माणिक रत्न धारण करने से जीवन में नाम, प्रसिद्धि, लोकप्रियता प्राप्त होती हैं। माणिक रत्न निजी जीवन में रचनात्मकता और आत्मविश्वास उत्पन्न करता है।
● माणिक्य रत्न राजनेता,इंजीनियरिंग, मेडिकल, भूविज्ञानी, वकील, कपड़ा व्यापारी, स्टॉक दलाल क्षेत्र में कार्य करने वालों को बहुत सफलता दे सकते हैं।
● इस रत्न को धारण करने से सकारात्मक सोच को बढ़ावा मिलता है
● यह कम रक्तचाप, अनियमित दिल की धड़कन या ध्रुमपान, पक्षाघात और सामान्य दुर्बलता का इलाज करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
● यह रत्न राजनीति और जो उच्च कार्यालय या उच्च पदों में सफलता प्राप्त करने के लिए पहना जाता है।
● रूबी रत्न आपके भीतर छिपी संकोच की प्रवृत्ति को खत्म करता है व आत्म-विश्वास को बढ़ाता है।
● गहरे लाल रूबी रत्न को धारण करने से दिल में प्रेम, करुणा, उत्साह व जोश का संचार होता है।
● इस रत्न के तेज के प्रभाव से व्यक्तित्व में एक अलग सा आकर्षण आता है।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
मंगल के रत्न मूंगा को धारण करने के लाभ
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मंगल के रत्न मूंगा को धारण करने के लाभ
● मंगल का संबंध मंगल ग्रह से होता हैं।
● यदि आपकी राशि मेष,कर्क,सिंह,वृश्चिक,धनु,मीन हैं तो आप मूंगा धारण कर सकते हैं।
● यदि आप किसी भी प्रकार की मशीनरी, इंजीनियरिंग, मेन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम, गोल्ड या गोल्ड ज्वेलरी, केमिकल या एसिड, एडवांस फार्मिंग या खेती, उर्वरक और कीटनाशक, सिक्योरिटी सिस्टम चाहे घर-ऑफिस में काम आए या फौज में, हाॅस्पीटल, सर्जरी इक्यूपमेंट, मेडिकल टूरिज्म, सभी प्रकार के उपकरण, स्पोर्टस मटेरियल, फ्यूल, माइन्स से संबंधित यदि आप कोई व्यापार या नौकरी करते हैं तो आपको मंगल का रत्न मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए।
● मूंगा रत्न का पहला लाभ दुश्मनों और शत्रुओं पर विजय है। मंगल ग्रह युद्ध का देवता है, इससे बाधाओं और दुश्मनों पर काबू पाने के लिए हिम्मत मिलती है और व्यक्ति के लिए जीत सुनिश्चित करता है।
● मूंगा रत्न खून, अस्थि मज्जा और सिर से संबंधित बीमारियों से रक्षा करता है। कुछ रोग जैसे- पाइल्स, अल्सर यानि फोड़े आदि होने पर मूंगा रत्न पहना जा सकता है।
● यह रत्न शारीरिक शक्ति बढ़ाने और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी सक्षम होता है।
● मूंगा सांप और बिच्छू के विष के प्रभाव को कम करता है या सर्पदंश और बिच्छू के डंक से रक्षा करता है।
● वे लोग जो जीवन में कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। मूंगा के प्रभाव से उन्हें धैर्य और साहस मिलता है।
● मूंगा रत्न धारण करने से रक्त में हुआ इन्फेक्शन दूर होता है।
● यह मानसिक स्वास्थ्य और सामान्य स्वास्थ्य में भी मदद करता है। अपनी मजबूत प्रकृति के कारण, यह मनोबल को बढ़ावा देने के लिए मन में उदासी दूर करने और इच्छाशक्ति को पुनर्जीवित करने में मदद करता है। यह आपको ऊर्जा, धृष्टता और अपने भय को जीतने की शक्ति भी देता है।
● मूंगा का एक और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि यह लालच, बुरी नज़र और काला जादू से रक्षा करता है।
● यदि आप पर कर्ज हैं तो मूंगा रत्न धारण करने से आपको कर्ज उतारने में बहुत मदद प्राप्त हो सकती है
● अगर कोई व्यक्ति खांसी की समस्या से पीड़ित तो उससे मूंगा पत्थर पहनना चाहिए है। सभी खांसी संबंधी रोगों से यह पत्थर बचता है।
● मूंगा धारण करने से जीवन में आने वाले मुश्किल हालात का आत्म सम्मान और दृंढ इच्छाशक्ति के साथ सामना करने का बल प्राप्त होता है।
● वे बच्चे जो कुपोषण से पीड़ित हैं उनके लिए लाल मूंगा रत्न पहनना लाभकारी होता है।
● मूंगा आपके अंदर नेतृत्व क्षमता का विकास करता है और आप जीवन की चुनौतियों से लड़ने में सक्षम बनते हैं।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
शुक्र के रत्न हीरा को धारण करने के लाभ
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शुक्र के रत्न हीरा को धारण करने के लाभ
● हीरे का संबंध शुक्र हैं हीरा महंगा आता हैं तो आप हीरे की जगह ओपल या मोज़ोनाइट धारण कर सकते हैं।
● यदि आपकी राशि वृषभ,मिथुन,कन्या,तुला,मकर,कुंभ हैं तो आप शुक्र का रत्न धारण कर सकते हैं।
● यदि आप फिल्म इण्डस्ट्री का कार्य जैसे- फिल्म बनाना या उससे जुडे किसी भी कार्य का व्यापार या नौकरी, एक्टिंग करना या एक्टिंग स्कूल चलाना, कहानी लेखन, कोरियोग्राफी, डांसर, सिंगर, चित्रकार, कवि या कविता लेखन, कल्चरल एक्टिविटीज का कार्य, किसी भी प्रकार का लक्जरी प्रोडक्स का व्यापार, फूड एंड बेवरेजेज, होटल,फैशन,सैलून, हेल्थ स्पा, डेकोरेशन और स्पेशली इण्टिीरियर डेकोरेटर, रेडिमेड गारमेंटस,ज्वेलरी, विवाह से संबंधित कोई भी व्यापार, मैरिज प्लानर, लीकर बिजनस,परफ्यूम, स्कल्पचर, व्हाइट कलर का कोई भी काम, डीजे बनना या बजाना, इवेंट और केटरिंग का व्यापार, फिटनेस या जिम का कार्य यदि आप करते हैं तो आपको शुक्र का रत्न अवश्य ही धारण करना चाहिए।
● कला जगत से जुड़े हुए लोग अपने पेशे में सफलता हासिल करने के लिए हीरा धारण कर सकते हैं।
● हीरा रत्न जातक को सुख-सुविधाओं व विलासिता से परिपूर्ण जीवन का आनंद प्रदान करता है।
● हीरा वैवाहिक संबंधों में मधुरता लाता है।
● संगीत, पेंटिंग, नृत्य और थिएटर जैसे कलात्मक क्षेत्रों में शामिल लोगों को हीरा धारण करने के बहुत लाभ प्राप्त होते हैं।
● चिकित्सकीय रूप से, ओपल पत्थर को एंडोक्राइन सिस्टम के लाभ और हार्मोनल स्राव के संतुलन को बनाए रखने के लिए कहा जाता है।
● हीरा एक मोहक पत्थर है जो भावनात्मक स्थिति को बढ़ाता है और बाधाओं को दूर करता है।
● हीरा आँखों के लिए फायदेमंद है, खासकर अमृत के रूप में यह आंख की समस्याओं का इलाज करता है।
● विवाह में देरी या किसी रुकावट को दूर करने में भी हीरे को धारण करना लाभकारी होता है।
● हीरा धारण करने से आयु में वृद्धि होती है।
● स्वास्थ्य की दृष्टि से भी हीरे को धारण करना अच्छा होता है। इसके प्रभाव से मधुमेह तथा नेत्र रोगों से मुक्ति मिलती है।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
राहु के रत्न गोमेद को धारण करने के लाभ
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राहु के रत्न गोमेद को धारण करने के लाभ
● गोमेद रत्न उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है जो काल सर्प दोष से पीड़ित हैं। यदि यह किसी व्यक्ति के लिए उपयुक्त रहता है तो काल सर्प दोष से होने वाले बुरे प्रभावों से बचाव करता है।
● राहू के रत्न गोमेद में ऐसी चमत्कारिक शक्तियां और ऊर्जा होती है जो मनुष्य के मन को मजबूत करने का काम करती हैं। इस रत्न को पहनने से आत्मविश्वास बढ़ता है और मन की सारी शंकाएं दूर हो जाती हैं। ये रत्न डर और मन के भय को भी दूर करने में कारगर है। इस रत्न के शुभ प्रभाव से आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी होती है।
● यदि आप लाटरी या सट्टे या शेयर बाजार से संबंधित कोई कार्य करते हैं तो ज्योतिषीय सलाह के पश्च्यात आपको रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।
● गोमेद उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो राजनीति, जन संपर्क, दलाली से जुड़े व्यवसाय और प्रबंधन से संबंधित कार्य करते हैं क्योंकि गोमेद के प्रभाव से शक्ति, सफलता और धन की प्राप्ति होती है।
● यदि जन्म कुंडली में राहु की महादशा और अंतर्दशा के समय कोई व्यक्ति गोमेद रत्न पहनता है तो राहु ग्रह के बुरे प्रभावों से उसकी रक्षा होती है।
● वे लोग जो पेट संबंधी विकार, सुस्त उपापचय से परेशान हैं उनके लिए गोमेद धारण करना फायदेमंद होता है। क्योंकि यह स्वास्थ्य और शक्ति को भी दर्शाता है।
● गोमेद के प्रभाव से दुश्मनों या विरोधियों पर विजय मिलती है और मन में आने वाले निराशावादी विचार भी दूर होते हैं।
● आजकल कलियुग है और इस दौर में इंसान अपने दुख से ज्यादा दूसरे के सुख से दुखी है और इसी का परिणाम है काला-जादू या जादू टोना। जी हां, दूसरे के सुख का नाश करने के लिए जादू-टोना आदि करवाया जाता है। अगर आपको भी लगता है कि आप पर किसी ने जादू-टोना करवा रखा है तो आपकी मदद गोमेद कर सकता है। गोमेद धारण करने के बाद किसी भी तरह की नेगेटिव एनर्जी आप पर असर नहीं करती है।
● गोमेद रत्न को धारण करने से भ्रम दूर होता है, वैचारिक पारदर्शिता आती है और राहु की दशा अवधि में सुख प्राप्त होता है।
● गोमेद धारण करने से भय की भावना दूर होती है और किसी भी कार्य को करने के लिए आत्म विश्वास, प्रेरणा व शक्ति मिलती है।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
केतु के रत्न लहसुनिया को धारण करने के लाभ
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केतु के रत्न लहसुनिया को धारण करने के लाभ
● आध्यात्म की राह पर चलने वालों के लिए भी लहसुनिया रत्न लाभकारी होता है। इसको धारण करने से सांसारिक मोह छूटता है और व्यक्ति अध्यात्म व धर्म की राह पर चलने लग जाता है।
● लहसुनिया उन जातकों के लिए बेहद उत्तम होता है जो शेयर बाजार या जोखिम भरे निवेश कार्य करते हैं। इस रत्न की कृपा से जोखिम भरे निवेशों का कार्य कर रहे व्यक्ति का भाग्य चमकता है।
● लहसुनिया पहनने से आपकी आत्मज्ञान शक्तियां, अंतर्दृष्टि और वृत्ति बढ़ेगी। इससे पहनने वाले में आत्म-जागरूकता के साथ-साथ आसपास के वातावरण की सतर्कता भी बढ़ती है। यह पहनने वाले के निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे उनका अंतर्ज्ञान उन्हें बेहतर मार्गदर्शन देता है। आपकी अंतरात्मा आपको सही रास्ते पर ले जाएगी। इससे आपको यह जानने में भी मदद मिलेगी कि आप क्या चाहते हैं और आपको क्या चाहिए, साथ ही आप क्या नियंत्रित कर सकते हैं। इससे आपको बेहतर और अधिक लाभकारी निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
● व्यावसायिक क्षेत्र में यदि आपकी तरक्की लंबे समय से रुकी हुई है, तब भी यह रत्न काफी लाभकारी साबित होता है। इसके प्रभाव से आपको प्रोफेशनल लाइफ में सफलता प्राप्त होती है। फंसा हुआ पैसा व खोई हुई आर्थिक संपदा को भी वापस लाने में लहसुनिया लाभदायी होता है।
● इस रत्न को धारण करने से आप बुरी नज़र के प्रभाव से भी बचे रहते हैं।
● केतु जीवन को बहुत संघर्ष पूर्ण बना देता है और कड़ा सबक सिखाता है। लहसुनिया केतु का ही रत्न है जो इस चुनौती भरी स्थिति में भी आपको सुख-सुविधाओं का आनंद प्राप्त करवाता है।
● लहसुनिया के प्रभाव से शारीरिक कष्ट भी दूर होते हैं। अवसाद, लकवा व कैंसर जैसी बीमारियों में भी यह रत्न लाभदायक होता है।
● लहसुनिया मन को शांति प्रदान करता है और इसके प्रभाव से स्मरण शक्ति तेज होती है और आप तनाव से दूर रहते हैं।
नोट - रत्न ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही धारण करें।
राशि अनुसार रत्न सुझाव
| चरण अक्षर | राशि | मुख्य रत्न | साथ में धारण कर सकते हैं |
|---|---|---|---|
| चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ | मेष | मूंगा | पुखराज, माणिक्य, मोती |
| ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो | वृषभ | हीरा/ओपल | पन्ना, नीलम, गोमेद, लहसुनिया |
| का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह | मिथुन | पन्ना | हीरा/ओपल, नीलम, गोमेद, लहसुनिया या पुखराज, माणिक्य |
| ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो | कर्क | मोती | पुखराज, मूंगा, माणिक्य |
| मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे | सिंह | माणिक्य | पुखराज, मूंगा, पन्ना, मोती |
| ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो | कन्या | पन्ना | हीरा/ओपल, नीलम, गोमेद, लहसुनिया या पुखराज, माणिक्य |
| रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते | तुला | हीरा/ओपल | पन्ना, नीलम, गोमेद, लहसुनिया |
| तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू | वृश्चिक | मूंगा | पुखराज, माणिक्य, मोती |
| ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे | धनु | पुखराज | मोती, मूंगा, माणिक्य, पन्ना |
| भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी | मकर | नीलम | हीरा/ओपल, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया |
| गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा | कुंभ | नीलम | हीरा/ओपल, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया |
| दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची | मीन | पुखराज | मोती, मूंगा, माणिक्य, पन्ना |
रत्न धारण करने का दिन, धातु एवं उपरत्न
| रत्न | धातु | धारण करने का दिन | उपरत्न |
|---|---|---|---|
| माणक | सोने या तांबे | रविवार | लालड़ी, तामड़ा |
| मोती | चांदी | सोमवार | चंद्रमणि, श्वेत हकीक, मून स्टोन |
| मूंगा | सोने या तांबे | मंगलवार | लाल हकीक |
| पन्ना | पंच धातु/अष्ट धातु | बुधवार | मरगज |
| पुखराज | सोना/पीतल | गुरुवार | सुनहला, पीला हकीक |
| हीरा | चांदी | शुक्रवार | ओपल, जरकन, अमेरिकन हीरा |
| नीलम | पंच धातु/पीतल | शनिवार | नीली, जामुनिया, काला हकीक |
| गोमेद | अष्ट धातु | बुधवार | साफी, लाजवर्त |
| लहसुनिया | अष्ट धातु | बुधवार | संगी, भूरा अकीक |
रत्न किस अंगुली में धारण करें
👉 यह जानकारी ज्योतिषीय परामर्श अनुसार अलग-अलग होती है।
आप अपने कुंडली अनुसार उपयुक्त अंगुली का चयन करें।
रत्न कितने वजन का धारण करें
अपने कुल वजन के प्रत्येक 12 किलो वजन पर 1 रत्ती रत्न धारण करें।
उदाहरण: यदि आपका वजन 65 किलो है तो 65 ÷ 12 = 5.41 आएगा।
ऐसे में आप **5 से 5.5 रत्ती का रत्न** धारण कर सकते हैं।
बेहतर परिणाम हेतु किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।